उत्तर भारत में श्रुतिस्मृति सिद्ध विशिष्टाद्वैत दर्शन के प्रचार-प्रसार का मुख्य केंद्र श्रीधाम वृन्दावन में स्थित श्री रंग मंदिर है। इस दिव्य देश (मंदिर) की स्थापना संवत 1604 में परमपूज्य अनंत श्री विभूषित श्रीरंगदेशिक स्वामी जी महाराज (गोवर्धन पीठाधीश्वर) द्वारा की गई थी। उनके विद्वान शिष्यों श्री सुदर्शनाचार्य, श्री लक्ष्मणाचार्य, श्री गोविंद दास आदि ने महाराज श्री से अनुरोध किया कि गुरु माताजी श्री लक्ष्मी अम्बा की स्मृति सदैव बनी रहे और अच्छे लोगों को श्रुति दुग्धामृत मिलता रहे, इसके लिए एक संस्कृति समुन्नयक संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की जानी चाहिए। गुरु माताजी का नाम. श्री स्वामीजी महाराज की अनुमति मिलने पर विक्रम संवत 1606 में श्री रंगलक्ष्मी आदर्श संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की गई। यह महाविद्यालय 01.07.1978 से भारत सरकार की आदर्श योजना में प्रवेशित है। पहले यह महाविद्यालय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सहायता प्राप्त एवं संचालित था।